Atal Bihari Vajpayee In Hindi : Atal Bihari Vajpayee ( जीवन परिचय )
नाम | अटल बिहारी वाजपेयी |
जन्म | 25 दिसम्बर 1924 |
जन्म स्थान | मध्य प्रदेश के ग्वालियर के शिंदे छावनी में |
पिता का नाम | कृष्ण बिहारी वाजपेयी |
माता का नाम | कृष्णा देवी |
मुख्य पदवी | भारत के पूर्व प्रधानमंत्री |
मृत्यु | 16 अगस्त 2018 |
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक महान राजनैतिक , कवि , एवं प्रखर वक्ता थे | जिन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को भारत माता ( भगवती ) की सेवा में व्यतीत कर दिया |
इस दौरान यह देश के तीन बार क्रमश : १९९६ १९९८ ,२००४ ई ० में प्रधानमंत्री बने | जो अपने उदार चरित्र एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जाने जाते है | जिसका अनुमान एक घटना से लगाया जा सकता है जब गुजरात राज्य सांप्रदायिक आग में जल रहा था |
उस समय अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री ( वर्तमान ) नरेद्र मोदी जी को सांप्रदायिक गतिविधियों को लेकर फटकार लगाई |अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व अति प्रेरणादायक था | जिनकी मिसाल आज भी दी जाती है | इसके अभूतपूर्व कार्य के लिए भारत सरकार के द्वारा इनको भारत रत्न से नवाजा गया |
अटल बिहारी वाजपेयी अपनी बेबाग कविता के लिए विशेष रूप से जाने जाते था | अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक कवि था बल्कि एक कुशल वक्ता एवं वरिष्ट पत्रकार भी थे | अटल बिहारी वाजपेयी भारत के सबसे बड़े स्वयं सेवी संगठन आरएसएस के सदस्य भी थे |
अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय -
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को मध्य राज्य के ग्वालियर नगर में स्थित शिंदे छावनी में हुआ था | इनके पिता का कृष्ण बिहारी वाजपेयी तथा माता का नाम कृष्णा देवी था | इनकी प्रारम्भिक शिक्षा - दीक्षा का कार्य मध्य प्रदेश राज्य में स्थिर ग्वालियर नगर में हुआ था | इन्होने विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की तथा आगे की पढ़ाई दिशा में इन्होने राजनैतिक विज्ञान के क्षेत्र में कानपूर के डीएवी कॉलेज से की |
यही से इन्होने एम० ए० की डिग्री प्राप्त की |आगे की पढ़ाई को जारी रखते हुए |इन्होने विधि की शिक्षा प्राप्त कि जब विधि की शिक्षा प्राप्त कर रहे तो उनको अपने मित्र एवं सहपाठी के रूप में अपने पिता का संरक्षण प्राप्त था |
क्योकि अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन अत्यन्त रोमाच से भरा हुआ था | जिसके मुख्य वजह यह भी था उनके पिता का नाम और सख्सियत उनके साथ हमेशा जुड़ी रही |यही वजह है की कविता पाठन एवं लेखन का गुण इन्हें प्राप्त हुआ | क्योकि इनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक जानेमाने कवि थे |
इसलिए वंशानुगत उपहार के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी को कविता लेखन एवं पाठन का सौभाग्य प्राप्त हुआ | अटल बिहारी वाजपेयी ने आजीवन विवाह नही किया किन्तु बिन विवाह के ही उनको एक बच्ची के पिता होने का गौरव प्राप्त हुआ | जिसका कारण था की उन्होंने विवाह न करने का निश्चय किया था |
यद्यपि यही वजह रहा हो की उन्होंने विवाह नही किया किन्तु कुछ साक्ष्य तो यह भी कहते है की अटल बिहारी वाजपेयी शादी से पूर्व ही एक बच्चे के पिता बन गये थे | अर्थात् अटल बिहारी वाजपेयी एक पिता न कहे जाने के सुख से वंचित नही थे | क्योकि जिसका कारण था कि उन्होंने एक बच्ची को गोद ले लिया था |
अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन बहुत विवादों से घिरा रहा है |जैसा की हम सभी जानते है की अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म एक ब्राहमण परिवार में हुआ था किन्तु ये मास मछली खाना अति शौखिन थे | जो कदाचित एक ब्राहमण परिवार में जन्म लेने वाले व्यक्ति के लिए पाप माना जाता है | जो भी हो अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व से काफी सकारात्मक चीजे सिखने को मिलती है जैसे की उनकी राजनीति में अत्यधिक रूचि थे | जिसका प्रभाव उनके जीवन में स्पष्ट रूप से प्रतिलक्षित होता है |
इसलिए उन्होंने राजनीतिक दुनिया में कदम रखा | अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन मे राजनैतिक सफर की शुरूआत वैसे तो इसके जीवन के प्रारम्भिक समय में हो जाती है | जब अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ में सम्पर्क में आते है | किन्तु ज्यादातर लोगो का यह मानना है |
अटल बिहारी वाजपेयी के राजनैतिक जीवन की शुरुआत भारत छोड़े आन्दोलन से आरम्भ होती है | जब उन्होंने भारत छोडो आन्दोलन में अंग्रेजो के विरुद्ध भाग लिया | जिसकी वजह से इनको अग्रेजी हुकुमत के कुरुरता का भागी बनना पड़ा |लगभग २४ दिन के कारावास की सजा काटने के बाद इनको रिहाई मिली |
यही से अटल बिहारी वाजपेयी के राजनैतिक करियर की वास्तविक शुरुआत होती है | 6 अप्रैल १९८० में गठित होने वाले भारतीय जनता पार्टी के सक्रीय सदस्य एवं प्रथम अध्यक्ष बने | अटल बिहारी वाजपेयी ही एक मात्र ऐसे नेता है | जो भारत के चार राज्यों उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश ,गुजरात , नई दिल्ली के छ : लोकसभा सीटो पर नुमाईदगी कर चुके है तथा लोकसभा से दस बार चुने जा चुके है इसके अलावा राज्यसभा से दो बार १९६२ और १९८६ चुने गये |
अटल बिहारी वाजपेयी के राजनैतिक दूरदर्शिता के लिए एक बार भारत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी को राजनिति का भीष्म पितामह कहकर सम्बोधित किया था | अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक कवि ही नही थे अपितु अटल बिहारी वाजपेयी को पत्रकारिता के क्षेत्र में एक विशेष मुकाम प्राप्त था | वे अपनी बातो मजबूती के साथ रखने के लिए को कविताओ का सहारा लिया करते थे | उन्होंने राजधर्म एवं पांचजन्य नामक दो प्रसिद्ध मासिक पत्रिका का सम्पादक किया |
इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा स्वदेशी व वीर अर्जुन नामक दैनिक पत्रिका के भी सम्पादक किया गया | भारत के दसवे प्रधानमंत्री रहे | अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दिग्गज नेताओ में से एक माने जाते है | भारत के प्रधानमंत्री के इतिहास में सबसे अधिक बार प्रधानमंत्री चुने जाने का ख़िताब अटल बिहारी वाजपेयी को प्राप्त है | यह भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस पार्टी के पंडित जवाहरलाल नेहरु से भी एक बार ज्यादा प्रधानमंत्री बने है जबकि पंडित जवाहरलाल नेहरु भारत के केवल दो बार प्रधानमंत्री रहे है |
अर्थात् अटल बिहारी वाजपेयी भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके है |वैसे तो अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत भूमि के लिए बहुत से कार्य किये है जिनमे सबसे प्रमुख भारत को परमाणु सम्पन्न राष्ट्र बनाने में उनका योगदान है | वैश्विक पटल पर परमाणु परीक्षण की अनुमति न होने के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी ने १९९८ में भारत में परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु सम्पन्न देश में शामिल होने का कृतिमान स्थापित किया |
पी 5 देशो के पुरजोर विरोध के बावजूद भारत में परमाणु परीक्षण किया | यह भारत के प्रधानमंत्री के सशक्त इच्छा शक्ति के कारण हो सका |अटल बिहारी वाजपेयी भारत के ऐसे प्रधानमत्री है| जिन्हें कई उपाधियों से नवाजा गया जिसमे प्रमुख पद्म श्री पुरस्कार , लोकमान्य गंगाधर तिलक पुरस्कार ,सन १९९४ में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार , गोविन्द बल्लव पंत पुरस्कार इसके अलावा २०१५ में अटल बिहारी वाजपेयी भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया |
कहते है न काल से कोई नही बच सका तो अटल बिहारी वाजपेयी कैसे बच जाते वह दिन भी आ गया जब महान कवि , समाज सुधारक , राजनैतिक , प्रखर वक्ता , पत्रकार , साहित्य में विशेष रूचि रखने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु नई दिल्ली में स्थित एक चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स ) में 16 अगस्त 2018 को शायकाल 5 बजकर 5 मिनट पर बीमारी के कारण हो हुआ | यह महान कवि , राजनेता जो इस रात्रि को चिर निद्रा में सो गये |
पुरस्कार -
- पद्म श्री पुरस्कार (1992)
- लोकमान्य गंगाधर तिलक पुरस्कार (1994)
- श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार (1994)
- गोविन्द बल्लव पंत पुरस्कार (1994
- भारत रत्न (2015)
- डी लिट ( कानपूर विश्वविद्यालय के द्वारा 1993 , मध्य प्रदेश मुक्त भोज विश्वविद्यालय के द्वारा 2015 में
- फ्रेड्स आफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवार्ड (2015)
अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख रचनाए -
- अमर आग है |
- सेक्युलर वाद
- रंग रंग हिन्दू मेरा परिचय
- मृत्यु या हत्या
- अमर बलिदान
- बिंदु बिंदु विचार