Diwali Poem in Hindi : कहीं छु छु करती छुछुरिया
दीपावली पर कविता ( Diwali Poem in Hindi ) :.:
कहीं चट-पट फटते पटाके रे
कहीं चुट-पुट करती चुटपुटिया
कहीं ना बचे अब सन्नाटे रे
मिट गया अंधियरा यारा
मिट गये सन्नाटे रे
शुरू हो गया हो जैसे
मस्ती सैर सपाटे रे
कोई छोडे छुर छुरिया
तो कोई मुर्गाछाप पटाके रे
कोई बजावे चुट-पुटिया
तो कोई रॉकेट के फ़वारे रे
कहीं रंगो से सजी रंगोली
तो कहीं दिपों का माला रे
कहीं दोस्तो की है दोस्ती
तो कहीं बड़ो का बचपना रे
सारे मुसाफिर घर को आये
घर ही सबका ठिकाना रे
मिट गई है दूरी सबकी
मिलता यार याराना रे
रोशनी का त्यौहार दिवाली
सब मिलकर साथ मनाना रे
खत्म हो जाएगा अंधियारा
बस मिलकर दीप जलाना रे
Diwali Poem in Hindi नामक पोएम आपको कैसा लगा | आप अपने सुझाव कॉमेट बॉक्स में कॉमेट करके दे सकते है - धन्यवाद !
MORE - RAKSHA BANDHAN POEM IN HINDI
Poet-
Kishan
Great love from Deva kala sansar
Thanks for visiting